Weird interpretations on Murlis by Baba Virendra Dev Dixit

DEDICATED to Ex-PBKs.
For those who wish to narrate their experiences about the BKs and PBK 'Advanced Knowledge' and post views about their NEW beliefs.
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Re: Weird interpretations on Murlis by Baba Virendra Dev Dixit

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अब तो रथ की ही बात ख़त्म होगई [VERY IMPORTANT]
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बाप रे रावण! पहले बोलता था दादा लेखराज लोन लिया हुआ रथ, टेम्पररी रथ और यह खुद मुक़र्रर भगीरथ| अब एक ही लाइन में यह चारों बातें आगई मुरली में|
तो क्लैरिफिकेशन में पहले खुद को लोन लिया हुआ रथ बोला फिर मुक़र्रर, आगे टेम्पररी फिर दादा लेखराज, फिर भगीरथ भी दादा लेखराज!
क्या अनपढ़ गधा है! एक की ही तो बात हो रही है!

तभी इतने दिनों से क्लास नहीं डाल रहा था, इस क्लास (16.11.2019 ) को छिपाने के लिए| अब देखो, एकदम से रात को 11 बजे क्लास इंटरनेट में डाला, उसमें भी इसको (16.11.2019 ) छिपाने के लिए, इसके ऊपर 3 क्लास और डाला| ऐसे ट्रिक 1.5 साल से खेल रहा है| वैसे ही वह "चक्रधारी" वाला क्लास छिपाया था पहले|

सुनो 16.11.2019 में, 2.45 मिनट से,

https://www.youtube.com/watch?v=ewei9Sh9YMo
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Re: Weird interpretations on Murlis by Baba Virendra Dev Dixit

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गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

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इस श्लोक का अर्थ क्या है?

क्या दीक्षित बाबा, इतना साधारण श्लोक तक नहीं समझ पाया तो यह कैसे सद्गति करेंगे ?

https://www.youtube.com/watch?v=JVj1abmD55U

संस्कृत छोडो, हिंदी तो कम से कम सीखना चाइये था|
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