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by Zero Zero
27 Feb 2024
Forum: For BKs - to discuss BK experiences
Topic: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli प्रश्नः इस ड्रामा में सबसे बड़े से बड़ी कमाल किसकी है और क्यों? उत्तर: 1) सबसे बड़ी कमाल है शिवबाबा की क्योंकि वह तुम्हें सेकण्ड में परीज़ादा बना देते हैं। ऐसी पढ़ाई पढ़ाते हैं जिससे तुम मनुष्य से देवता बन जाते हो! दुनिया में ऐसी पढ़ाई बाप के सिवाए और कोई पढ़ा नहीं सकता। 2) ज्ञान का तीस...
by Zero Zero
26 Feb 2024
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Topic: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli तुम बच्चे समझते हो हम ही सतोप्रधान थे, फिर नम्बरवार तमोप्रधान बनते हैं। फिर सतोप्रधान बनना है। नम्बरवार ही बनते जायेंगे। ड्रामा अनुसार। डिटेल तो बहुत है। जैसे बीज है उनको पता है कैसे झाड़ निकलता है। इस मनुष्य सृष्टि झाड़ का राज़ बाप ही बताते हैं। बागवान भी वही है। जानते हैं हमारा बाग कै...
by Zero Zero
24 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli बाप बैठ बच्चों को समझाते हैं कि इस दुनिया में कोई हंस भी हैं तो बगुले भी हैं। यह लक्ष्मी-नारायण हंस हैं, इन जैसा तुमको बनना है। तुम कहेंगे, ‘हम दैवी सम्प्रदाय बन रहे हैं’। बाप कहेंगे - तुम दैवी सम्प्रदाय बन रहे हो, मैं तुमको हंस बनाता हूँ। अभी पूरे बने नहीं हो, बनना है। हंस मोती चुगते ह...
by Zero Zero
23 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli जब ‘भगवानुवाच’ कहा जाता है, तो बच्चों को श्रीकृष्ण बुद्धि में नहीं आता; बुद्धि में शिवबाबा ही आता है। मूल बात है बाप का परिचय देना क्योंकि बाप से ही वर्सा मिलता है। तुम ऐसे नहीं कहेंगे कि हम शिवबाबा के फालोअर्स हैं – नहीं! शिवबाबा के बच्चे हैं। हमेशा अपने को बच्चे समझो। और कोई को यह पता...
by Zero Zero
22 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli बाप कहते हैं - स्त्री-पुरुष का सम्बन्ध छोड़, अपने को आत्मा समझो - ‘यह भी आत्मा, हम भी आत्मा।’ आत्मा समझते-समझते शरीर का भान निकलता जायेगा। बाप की याद से ही विकर्म भी विनाश होंगे। इस बात पर तुम अच्छी तरह से विचार सागर मंथन कर सकते हो। विचार सागर मंथन करने बिगर तुम उछल नहीं सकेंगे। यह पक्...
by Zero Zero
21 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli ‘ज्ञान सागर’ आते ही हैं कल्प के इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर। ‘ज्ञान सागर’ है निराकार परमपिता परमात्मा शिव। उनको शरीर जरूर चाहिए, जो बात भी कर सके। बाकी पानी की तो बात ही नहीं। यह तुमको ज्ञान मिलता ही है संगमयुग पर। बाकी सबके पास है भक्ति। भक्ति मार्ग वाले गंगा के पानी को भी पूजते रहते हैं।...
by Zero Zero
20 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli तुम भी शिवबाबा के बच्चे हो परन्तु जानते नहीं हो। भगवान् एक है, बाकी सब ब्रदर्स हैं। बाप कहते हैं मैं अपने बच्चों को ही पढ़ाता हूँ। जो मुझे पहचानते हैं उन्हों को ही पढ़ाकर देवता बनाता हूँ। भारत ही स्वर्ग था, अब नर्क है। जो काम को जीतेगा वही जगतजीत बनेगा। मैं गोल्डन वर्ल्ड की स्थापना कर र...
by Zero Zero
19 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli तुम समझते हो – ‘अभी हमको यह शरीर छोड़कर घर जाना है’। बाप कहते हैं - मैं आया हूँ तुमको घर ले जाने अर्थ, इसीलिए इस देह और देह के सम्बन्धों से उपराम होना है। यह तो छी-छी दुनिया है। यह भी आत्मा जानती है – ‘हमको अब जाना है; बाप आया है पावन बनाने के लिए; फिर से हमको पावन दुनिया में जाना है।’ ...
by Zero Zero
18 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Avyakt Vani हिम्मत से सदा आगे बढ़ते चलो। कभी भी स्व प्रति वा अन्य आत्माओं के प्रति हिम्मत को कम नहीं करना - क्योंकि यह नव युग है ही हिम्मत रखने से उड़ने का युग, वरदानी युग, पुरुषोत्तम युग, डायरेक्ट विधाता द्वारा सर्व शक्तियां वर्से में सहज प्राप्त होने का युग - इसलिए इस युग के महत्व को सदा स्मृति म...
by Zero Zero
18 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli बेहद का बाप सभी बच्चों को समझाते हैं, - तुम्हें सबको पैगाम पहुँचाना है कि – ‘अब बाप आये हैं’। बाप धीरज दे रहे हैं क्योंकि भक्ति मार्ग में बुलाते हैं – ‘बाबा आओ, लिबरेट करो, दु:ख से छुड़ाओ’। तो बाप धीरज देते हैं - बाकी थोड़े रोज़ हैं। कोई की बीमारी छूटने पर होती है तो कहते हैं, ‘अब ठीक ह...
by Zero Zero
16 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli स्कूल में टीचर पढ़ाते हैं तो कहेंगे - लौकिक टीचर, लौकिक बच्चों को पढ़ाते हैं। यह है पारलौकिक सुप्रीम टीचर जो पारलौकिक बच्चों को पढ़ाते हैं। तुम भी परलोक, मूलवतन के निवासी हो। बाप भी परलोक में रहते हैं। बाप कहते हैं - हम भी शान्तिधाम के निवासी हैं और तुम भी वहाँ के ही निवासी हो। हम दोनों...
by Zero Zero
15 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli यह भी मीठे-मीठे बच्चे जानते हैं कि इस समय है कलियुगी ‘काँटों का जंगल’। तो फूल बनने वालों को यह महसूसता आनी चाहिए कि हम फूल बन रहे हैं। पहले हम सब काँटें थे, कोई छोटे, कोई बड़े। कोई बहुत दु:ख देते हैं, कोई थोड़ा। अब बाप का प्यार तो सबसे है। गायन भी है – ‘काँटों से भी प्यार, फूलों से भी प...
by Zero Zero
14 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli बाप कहते हैं - बच्चे, अपने पर रहम करो; देही-अभिमानी बनो तो धारणा भी होगी। सब-कुछ आत्मा ही करती है। मैं भी आत्मा को पढ़ाता हूँ। अपने को आत्मा पक्का समझो और बाप को याद करो। बाप को याद ही नहीं करेंगे तो विकर्म विनाश कैसे होंगे? भक्ति मार्ग में भी याद करते हैं – ‘हे भगवान् रहम करो!’ बाप लिब...
by Zero Zero
13 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli बाप बैठ बच्चों को समझाते हैं - यह जो ‘आदि सनातन देवी-देवता’ धर्म था उसको ‘हिन्दू’ धर्म में क्यों लाया? कारण निकालना चाहिए। पहले तो ‘आदि सनातन देवी-देवता’ धर्म ही था। फिर जब विकारी हुए तो अपने को ‘देवता’ कह न सके। तो अपने को ‘आदि सनातन देवी-देवता’ के बदले ‘आदि सनातन हिन्दू’ कह दिया है। ‘...
by Zero Zero
12 Feb 2024
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs

Sakar Murli अब बाप तुमको कहते हैं - अशरीरी बन जाओ। अब तुम सबको वापिस जाना है। तुमको पवित्र बनने की युक्ति भी बताता हूँ। पतित-पावन मैं ही हूँ। मैं गैरन्टी करता हूँ तुम मुझे याद करो तो इस योग अग्नि से तुम्हारे जन्म-जन्मान्तर के पाप भस्म हो जायेंगे। जैसे पुराना सोना आग में डालने से उनसे खाद निकल जाती ...