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- 01 Mar 2022
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- Topic: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
ड्रामा अनुसार समझ में आता है कि तुम अभी बने हो ईश्वर के बच्चे। ईश्वर से तुम स्वर्ग का मालिक बनने आये हो - अथवा स्वराज्य लेने आये हो। नर्क के मनुष्य मात्र तो यह जानते ही नहीं कि स्वर्ग क्या होता है! तुम तो जानते हो बाबा स्वर्ग की स्थापना करते हैं - रावण फिर नर्क की स्थापना करते हैं। यह भी कोई नहीं जा...
- 28 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
तुम हर एक अपनी बादशाही लेने का पुरूषार्थ करते हो! वह सिपाही लोग लड़ते हैं अपने बादशाह के लिए, परन्तु तुम अपने लिए सब कुछ करते हो। भारत को ही गोल्डन एज बनाते हो। जो-जो बनाते हैं वही आकर फिर राज्य करेंगे। गोया तुम भारत की सेवा करते हो गुप्त। जो करेंगे वही फल पायेंगे। जो मेहनत कर राजा-रानी वा प्रजा बन...
- 27 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
आज सर्व बच्चों के स्नेही मात-पिता (शिवबाबा व ब्रह्मा बाबा - बापदादा) अपने स्नेही बच्चों के स्नेह के दिल की आवाज और स्नेह में अनमोल मोतियों की मालायें देख-देख बच्चों को स्नेह का रिटर्न विशेष वरदान दे रहे हैं – ‘सदा समीप भव, समान समर्थ भव, सदा सम्पन्न सन्तुष्ट भव’। सबके दिल का स्नेह आपके दिल में संकल्...
- 26 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
कहते हैं ना रामराज्य चाहिए - तो अब कौन सा राज्य है? रावणराज्य है ना? सतयुग में रावणराज्य ही नहीं होगा; वहाँ होगा रामराज्य। अच्छा, राम-राज्य के पहले-पहले राजा-रानी कौन थे? यह भी कोई जानते नहीं। ‘ राम - राम ’ कहते हैं, तो राम को ऊपर ले गये हैं। कृष्ण को नीचे ले गये हैं। सतयुग का तो जैसे उन्हों को पता ...
- 25 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
बाबा कहते हैं – (सच्ची) गीता है सबसे मुख्य। बाकी सब हैं उनके बाल बच्चे। (सच्ची) गीता है माई बाप। माई गीता और बाप शिव, उनसे हम पैदा हो रहे हैं। वैसे ही और शास्त्र भी सब उनसे पैदा होते हैं। जैसे आत्माओं का हेड शिवबाबा सबसे ऊपर में है वैसे सब शास्त्रों से ऊपर है सर्व शास्त्रमई शिरोमणी श्रीमत भगवत गीता...
- 24 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
बाप समझाते हैं - एक तो बच्चों को देही-अभिमानी होकर यहाँ बैठना है; हम आत्मा परमपिता परमात्मा से इन कानों द्वारा सुन रहे हैं। परन्तु बच्चे घड़ी-घड़ी भूल जाते हैं, हम आत्माओं के साथ परमपिता परमात्मा वार्तालाप कर रहे हैं। जो सबका सद्गति दाता, ज्ञान का सागर है वो बैठ बच्चों को पढ़ाते हैं। यह सिवाए तुम्हा...
- 23 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
बेहद का बाप बच्चों को जगाते हैं। मात-पिता जिससे सुख मिलने का है वह आकर अन्धियारी रात से जगाते हैं। तुम मात-पिता के बच्चे हो, जानते हो हम घोर अन्धियारे में थे, अब जाग रहे हैं। यूँ तो सारी ईश्वरीय फैमिली है। सारी दुनिया के जो मनुष्य मात्र और यह सारी दुनिया है, यह है गॉड फादर की फैमिली। मात-पिता गॉड फा...
- 22 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
दिन-प्रतिदिन तुमको श्रीमत मिलती रहती है कि कोई को भी पहले बाप का परिचय दे वर्सा दिलाना है। पहले तुमको सिद्ध करके समझाना है कि वह निराकार बाप है। यह प्रजापिता साकार है। वर्सा निराकार से मिलता है। अब बाप समझाते हैं - मेरा एक ही शिव नाम है; दूसरा कोई मेरा नाम नहीं। सभी आत्माओं के शरीर के नाम अनेक हैं। ...
- 21 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
पहले-पहले तो अपने को आत्मा निश्चय करो। हम आत्मा फर्स्ट। बाद में यह शरीर मिलता है। हम आत्मा किसकी सन्तान हैं? उस शान्ति के सागर, ज्ञान के सागर परमपिता परमात्मा की। वह सदैव शान्त है। हम आत्मा एक शरीर छोड़ दूसरा लेते हैं। पार्ट बजाते हैं। शिवबाबा तो विचित्र है। उस आत्मा को अपना चित्र (शरीर) नहीं है। तु...
- 20 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
पढ़ाई, पालना और प्राप्ति - सबको एक जैसी एक द्वारा मिल रही है, फिर गति में अन्तर क्यों? तीव्र पुरूषार्थी अर्थात् फर्स्ट डिवीजन वाले, और पुरूषार्थी अर्थात् सेकण्ड डिवीजन में पास होने वाले। आज विशेष सभी का चार्ट चेक किया। कारण बहुत हैं, लेकिन विशेष दो कारण हैं। चाहना सबकी फर्स्ट डिवीजन की है, सेकण्ड डि...
- 19 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
तुम अब ब्राह्मण हो। हर एक मनुष्य मात्र शिवबाबा का बच्चा भी है, तो ब्रह्मा बाबा का बच्चा भी है। ब्रह्मा है ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर, जिस्मानी; और शिवबाबा है सबका रूहानी बाप। शिवबाबा को प्रजापिता नहीं कहेंगे। शिवबाबा आत्माओं का बाप है। बाप कहते हैं - मैं भारतवासियों को राज्य भाग्य देता हूँ, हीरे जैसा ...
- 18 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
तुम्हारे जब ज्ञान चक्षु खुल जायेंगे फिर कोई भी प्रश्न पूछने का रहेगा ही नहीं! बाप कहते हैं - मुझे याद करो (‘मनमनाभव’), और वर्से को याद करो (‘मध्याजीभव’)। सिर्फ मुक्ति पाने चाहते हो तो ‘मनमनाभव’; राजाई चाहते हो तो ‘मध्याजीभव’। “ When your Eyes of Knowledge will open (COMPLETELY), there will be NO MO...
- 17 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
जितना बाप को याद करेंगे, चक्र को फिरायेंगे उतना ही विकर्म विनाश होंगे। तो बाबा को बहुत याद करना पड़े क्योंकि विकर्मो का बोझा सिर पर बहुत है। शारीरिक बीमारियां तो अन्त तक चलनी हैं। कर्मभोग तो अन्त तक रहता है; यह निशानी है, जब तक कर्मातीत अवस्था को नहीं पहुँचते हैं तब तक कुछ न कुछ दु:ख लगता ही रहता है...
- 16 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
भगवान तो एक ही निराकार (शिव) है, बाकी सब हैं साकार। ... सबका सद्गति दाता बाप है; उनका नाम ही है परमपिता परमात्मा शिव। वह (साकार) पिताओं का भी (निराकार) पिता है। “ ONLY the ONE Incorporeal One (Shiva) is ‘Bhagwan’ (God); ALL the rest (embodied souls) are corporeal. ... The Bestower of Salvation for ...
- 15 Feb 2022
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Re: Extracts from the Sakar Murlis published by BKs
नई दुनिया में तो रोशनी ही रोशनी है। पुरानी दुनिया में अन्धियारा ही अन्धियारा है। यह है ब्रह्मा की घोर अन्धियारी रात। तुम अभी दिन में जा रहे हो। बाप बच्चों को कहते हैं यह बुद्धि का योग लगाते-लगाते थक नहीं जाना। जितना तुम योग लगाते हो उतना सोझरा होता है। आत्मा रूपी दीपक की ज्योत जो उझाई हुई है, वह आती...